Sunday, August 19, 2018

अक्षय की 'गोल्ड' और जॉन की 'सत्यमेव जयते' में जबरदस्त उछाल, वीकेंड पर कमाई में तोड़ सकती है रिकॉर्ड

अक्षय कुमार की 'गोल्ड' और जॉन अब्राहम की फिल्म 'सत्यमेव जयते' की बॉक्स ऑफिस पर जंग लगातार जारी है। दोनों ही फिल्मों के कलेक्शन में वीकेंड की वजह से जबरदस्त उछाल देखा गया। जिसे देखकर इतना तो तय है यह दोनों ही फिल्में जल्द ही अपना बजट निकालने में कामयाब हो जाएंगी। इन दोनों ही फिल्मों का चौथे दिन का कलेक्शन आ चुका है जो कि बेशक हैरान करने वाला है।
फिल्म समीक्षकों की मानें तो वीकेंड होने की वजह से दोनों ही फिल्मों को इसका सीधा फायदा मिला है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि शनिवार की अपेक्षा रविवार को दोनों ही फिल्मों का कलेक्शन दोगुना होगा। हालांकि कलेक्शन को देखकर इतना जरूर कहा जा सकता है कि अक्षय कुमार की 'गोल्ड' से जॉन अब्राहम की फिल्म 'सत्यमेव जयते' पिछड़ती हुई नजर आ रही है।

रिपोर्ट्स की मानें तो शनिवार को 'गोल्ड' और 'सत्यमेव जयते' फिल्म का कलेक्शन जोरदार रहा। दोनों ही फिल्मों के कलेक्शन में जबरदस्त उछाल देखा गया। 'सत्यमेव जयते' फिल्म ने पहले दिन बुधवार को 20.52 करोड़, गुरुवार को 7.92 करोड़ और शुक्रवार को 8 करोड़ कमाए। वहीं शनिवार के कलेक्शन को मिलाकर जॉन अब्राहम की 'सत्यमेव जयते' ने अब तक कुल 44.92 करोड़ की कमाई की है। वहीं अक्षय कुमार की 'गोल्ड' फिल्म ने पहले दिन 25.25 करोड़, दूसरे दिन 8 करोड़, तीसरे दिन 10 करोड़ की कमाई की। वहीं शनिवार के कलेक्शन को मिलाकर 'गोल्ड' फिल्म का कलेक्शन मिलाकर कुल 58.25 करोड़ पहुंच चुका है। 

'गोल्ड' फिल्म का कुल बजट प्रोडक्शन कास्ट, प्रिंटिंग और एडवरटाइजिंग कास्ट मिलाकर 85 करोड़ बताया जा रहा है। फिल्म समीक्षकों की मानें तो अक्षय कुमार की 'गोल्ड' महज कुछ ही दिनों में अपना बजट निकालने में कामयाब हो जाएगी। वहीं जॉन अब्राहम की फिल्म 'सत्यमेव जयते' की बात करें तो इस फिल्म का बजट करीब 50 करोड़ है जो कि अक्षय की फिल्म की तुलना में काफी कम है।
इन दोनों ही फिल्मों के कलेक्शन को देखकर इतना जरूर कहा जा सकता है कि 'गोल्ड' और 'सत्यमेव जयते' अपना बजट निकालने के करीब पहुंच गई हैं। 'सत्यमेव जयते' फिल्म 2500 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है। वहीं अक्षय कुमार की 'गोल्ड' फिल्म 3250 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई। इस दोनों ही फिल्मों को 15 अगस्त के मौके पर रिलीज होने का जबरदस्त फायदा हुआ। इसके साथ ही वीकेंड पर यह दोनों फिल्में कमाई के मामले में कई रिकॉर्ड तोड़ सकती हैं।

Story of Gold MOvie

खेल में अपने देश के झंडे को एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर लहराते हुए देखने से ज्यादा गर्व की बात और क्या हो सकती है। यह भावना और ज्यादा मजबूत हो जाती है क्योंकि घटना 1948 के लंदन ओलिंपिक्स की है जहां भारत को साबित करना है कि 1936 से 1948 तक खेलों में उसका वर्चस्व सिर्फ चांस की बात नहीं थी। यह घटना ऐतिहासिक भी है क्योंकि भारतीय हॉकी टीम यहां आजादी के सिर्फ एक साल बाद ही खेल रही है। 
'गोल्ड' जोश से भरे इस टीम के सफर को दिखाती है जिसने ब्रिटेन के 200 सालों की गुलामी के आगे अपना झंडा बुलंद किया। फिल्म की कहानी 1936 से शुरू होती है जब भारतीय हॉकी टीम ने बर्लिन ओलिंपिक्स में लगातार तीसरी बार गोल्ड जीता था। तब यह टीम ब्रिटिश इंडिया टीम कहलाती थी और इसे ब्रिटिश राज चलाता था। टीम के एक बंगाली जूनियर मैनेजर ने आजाद भारत की टीम को गोल्ड दिलाने का संकल्प लिया। उसका सपना 1948 में ब्रिटेन की धरती पर भारतीय ध्वज लहराने का था। 

रीमा कागती ने गहरे मायनों वाली इस कहानी को मनोरंजक तरीके से पेश किया है। यह फिल्म हमें इतिहास के उस दौर में ले जाती है जिसके बारे में कम ही बात होती है। सभी कलाकारों का प्रदर्शन शानदार है। धोती पहने हुए टीम मैनेजर के रूप में अक्षय कुमार ने अपने किरदार से खूब हंसाया है, वहीं वह तुरंत नाटकीय और इमोशनल सीन पर भी आसानी से स्विच कर जाते हैं। कुणाल कपूर ने पहले हॉकी प्लेयर और फिर हॉकी टीम के कोच के रूप में शानदार प्रदर्शन किया है। विनीत कुमार का काम भी दमदार है। अमित साध का किरदार भी काफी अच्छा है जो टीम के उपकप्तान रहते हुए जिंदगी के पाठ सीखते हैं। एक गुस्सैल प्लेयर के रूप में सनी कौशल ने भी अपना किरदार बखूबी निभाया है। 


मॉनी राय ने बंगाली पत्नी का अपना छोटा सा किरदार असरदार तरीके से निभाया है। 'गोल्ड' सिर्फ हॉकी पर बनी एक फिल्म नहीं है बल्कि एक पीरियड फिल्म है जो उस दौर को जीवंत करती है जिसे काफी पहले भुलाया जा चुका है। यह विभाजन की दर्दनाक घटना को भी दर्शाती है जिसने बड़ी क्रूरता के साथ देश को दो भागों में बांट दिया। 


प्रॉडक्शन डिजाइन और कॉस्ट्यूम ने उस दौर को रीक्रिएट करने में अहम भूमिका निभाई है। सिनेमटॉग्रफी और बैकग्राउंड स्कोर तकनीक और गुणवत्ता के मामले में काफी कमाल के हैं। फिल्म में होने वाले हॉकी मैच थ्रिल बनाए रहते हैं। मैच का अंत जानते हुए भी आप पूरे मैच के दौरान रोमांच महसूस करेंगे और भारतीय टीम के लिए चीयर करेंगे। फिल्म की एडिटिंग कुछ बेहतर हो सकती थी और कहानी में 'चढ़ गई' और 'नैनो ने बांधी' गाने की जरूरत नहीं थी। 


इमोशनल एंड पर फिल्म काफी दमदार है क्योंकि कुछ लोग अपने निजी विरोधों को दूर रखकर भारत की जीत के लिए मिलकर प्रयास करते हैं। आजादी के बाद .यह पहला गेम था इसलिए ग्राउंड पर खेल रही भारतीय टीम के लिए पाकिस्तानी टीम भी चीयर करती है। 

Story Of satyam jaynte movie


सत्यमेव जयते एक बॉलीवुड ड्रामा थ्रिलर है, जिसका निर्देशन मिलाप मिलन जावेरी कर रहे हैं। फिल्म में जॉन अब्र्हाम और मनोज वाजपई मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म का निर्माण भूषण कुमार और निखिल आडवानी ने किया है। फिल्म 15 अगस्त को सिनेमा घरों में रिलीज होगी।
फिल्म की कहानी

 फिल्म की कहानी मुंबई से शुरू होती है जहां वीर राठौर (जॉन अब्राहम) अपनी धुन में भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिस अफसरों के लिए एक सीरियल किलर बन चुका है और उन सारे लोगों को मौत के घाट उतार रहा है जो कि वर्दी पहनकर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी करते हैं। तो हमारा ये हीरो इन लोगों को चुन चुन के मारता है।  पुलिस महकमे में अफरा-तफरी है। जब इसकी भनक पुलिस अफसर शिवांश राठौर (मनोज बाजपेयी) जो कि एक बड़ी मछली पकड़ना चाहते हैं इसलिए इस सीरियल किलर को पकड़ने का प्रण लेते हैं। वहीं दूसरी तरफ जब वीर देश से भ्रष्ट लोगों को जला नहीं रहा होता है तो वो कूड़ेदान से कुत्ते के पिल्ले उठाकर उनकी ज़िंदगी बचाने उन्हें एक जानवरों की डॉक्टर शिखा (आएशा शर्मा) के पास लेकर जाता है। ज़ाहिर सी बात है प्यार प्यार प्यार। बाकी का पूरा प्लॉट वीर और शिवांश की लुका छिपी का खेल है।

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