पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ
कांग्रेस ने सोमवार यानी 10 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है।
कांग्रेस के मुताबिक उसके इस बंद को सभी विपक्षी दलों का समर्थन हासिल है।
बंद सुबह नौ बजे से शाम तीन बजे तक के लिए बुलाया गया है। इस दौरान
कांग्रेस के सभी राज्यों के मुख्यालयों, जिला मुख्यालयों और पेट्रोल पंपों
पर प्रदर्शन किया जाएगा। कांग्रेस की मांग है कि सरकार पेट्रोल-डीजल को
जीएसटी के अंदर लाए जिससे इनकी बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाई जा सके।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए
कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें रिकॉर्ड तोड़ ढंग से बढ़ रही हैं, किसानों
की कमर टूट गई है, लेकिन सरकार किसी भी कीमत पर बढ़ी एक्साइज ड्यूटी कम
करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार और उसकी
राज्य सरकारें अगर अपने टैक्स में ही कमी कर दें तो पेट्रोल के दाम आधे
किये जा सकते हैं और इस स्थिति का मुकाबला किया जा सकता है, लेकिन सरकार
ऐसा करने का कोई इरादा नहीं रखती जिसके कारण आम आदमी परेशान हो रहा है।
सुरजेवाला ने कहा कि जब पीएम नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली थी, उस समय पेट्रोल का दाम 51.78 रुपये के लगभग था जो आज लगभग अस्सी रुपये तक पहुंच गया है। इसी तरह डीजल की कीमतें 44.40 रुपये पर थी जो आज 71.55 रुपये तक जा पहुंची है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से अब तक बारह बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा किया है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार किसके हित में काम कर रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाकर सरकार ने 11 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई की है। इसकी कीमतें आम आदमी की जेब से गई हैं। इसलिए इस देश की जनता को यह पता चलना चाहिए कि इन बढ़ी कीमतों से सरकार क्या कर रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार देश की जनता की गाढ़ी कमाई को टैक्स के रुप में वसूल रही है, वहीं इसी पेट्रोल को लगभग 15 देशों को लगभग आधी कीमत पर बेचा जा रहा है। पेट्रोल के दामों में यह वृद्धि तब हो रही है जब क्रूड ऑयल का दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 75 डॉलर प्रति बैरल पर है, जबकि मनमोहन सिंह की सरकार में क्रूड ऑयल 60 डॉलर प्रति बैरल होने के बावजूद पेट्रोल की कीमतें 60 रुपये तक भी नहीं जाने दिया गया।
सुरजेवाला ने कहा कि जब पीएम नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली थी, उस समय पेट्रोल का दाम 51.78 रुपये के लगभग था जो आज लगभग अस्सी रुपये तक पहुंच गया है। इसी तरह डीजल की कीमतें 44.40 रुपये पर थी जो आज 71.55 रुपये तक जा पहुंची है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से अब तक बारह बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा किया है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार किसके हित में काम कर रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाकर सरकार ने 11 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई की है। इसकी कीमतें आम आदमी की जेब से गई हैं। इसलिए इस देश की जनता को यह पता चलना चाहिए कि इन बढ़ी कीमतों से सरकार क्या कर रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार देश की जनता की गाढ़ी कमाई को टैक्स के रुप में वसूल रही है, वहीं इसी पेट्रोल को लगभग 15 देशों को लगभग आधी कीमत पर बेचा जा रहा है। पेट्रोल के दामों में यह वृद्धि तब हो रही है जब क्रूड ऑयल का दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 75 डॉलर प्रति बैरल पर है, जबकि मनमोहन सिंह की सरकार में क्रूड ऑयल 60 डॉलर प्रति बैरल होने के बावजूद पेट्रोल की कीमतें 60 रुपये तक भी नहीं जाने दिया गया।
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